पहली बार 2 मर्दों से बिना मां के पैदा हुआ बच्चा, चीन के वैज्ञानिकों ने रचा इतिहास
यह स्टडी 23 जून 2025 को नामी साइंटिफिक जर्नल Proceedings of the National Academy of Sciences (PNAS) में छपी है

विज्ञान ने इस बार प्रकृति के सभी नियमों को पार कर दिया है चीन के जियाओतोंग विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा चूहा तैयार किया है, जो केवल दो नर चूहों के डीएनए से जन्मा है, मतलब इसकी कोई मां नहीं है.यह स्टडी 23 जून 2025 को नामी साइंटिफिक जर्नल Proceedings of the National Academy of Sciences (PNAS) में छपी है.
कैसे हुआ ये अनोखा चमत्कार
इस प्रयोग को सफल बनाने के लिए वैज्ञानिकों की टीम ने एपिजेनेटिक प्रोग्रामिंग पैटर्न को एडिट किया और नया तरीका अपनाया. आपको बता दें कि मिथाइलेशन की प्रक्रिया में DNA की एक्टिविटी को नियंत्रित किया जाता है लेकिन इसका असर डीएनए सीक्वेंस पर नहीं पड़ता. इसमें एक लैब-ब्रेड माउस और दूसरा थाईलैंड के वाइल्ड माउस की नस्ल का इस्तेमाल किया गया. इसके लिए सबसे पहले अंडाणु(Egg) से जीनोम हटाया गया और उसमें 2 Male Sperms को इंजेक्ट किया गया. इनमें से एक के मिथाइलेशन पैटर्न को महिला डीएनए जैसा बनाया गया.
20 साल की रिसर्च
इस प्रक्रिया से तीन बच्चे जन्में थे. इनमें से एक आकार में बड़ा होने के कारण अगले दिन मर गया. 2004 में जापान में दो मादा चूहियों से बच्चों का जन्म कराया गया था. लेकिन ये पहली बार है जब 2 नर से बच्चे को पैदा कराया गया. इस बार चीनी वैज्ञानिकों ने जीन डिलीशन की बजाय मिथाइलेशन के जरिए एपिजेनेटिक रीप्रोग्रामिंग की जिससे भ्रूण अधिक स्वस्थ रहा.
क्यों जरूरी है ये खोज?
University College London की असोसिएट प्रोफेसर हेलेन ओ’नील का कहना है कि, इससे ये साबित होता है कि स्तनधारी जीवों में एक लिंग से संतान पैदा करने में बड़ी बाधा जीनोमिक इम्प्रिंटिंग है और अब शायद इसे पार किया जा सकता है. हालांकि वैज्ञानिकों ने ये भी साफ कर दिया है कि इस तकनीक का इस्तेमाल इंसानों पर लागू नहीं हो सकता. भले यह सफलता इंसानों के लिए उपयोगी नहीं है, लेकिन इससे रिप्रोडक्टिव बायोलॉजी, जेनेटिक इंफर्टिलिटी और क्लोनिंग जैसे क्षेत्रों में नए रास्ते खुलेंगे.