पीड़ित बेटियों के अपराधियों के काल एडवोकेट विजय गोस्वामी ।
इन्हें देख कर दामिनी फिल्म के सनी देओल की याद ताजा हो जाएगी

आप को दामिनी फिल्म में सनी देओल का वकील वाला किरदार तो याद ही होगा जिसके डायलॉग तारीख पे तारीख लोगो को आज भी याद है । उसी किरदार से मिलता जुलता हकीकत के किरदार से आज आप को मिलवाते है ।
इनका नाम है एडवोकेट विजय गोस्वामी जैसा नाम वैसा काम विजय ने अभी तक 25 केस लड़े है और एक भी नहीं हारा क्योंकि विजय ने केवल मोटी फीस के लिए केस नहीं लड़ा बल्कि हमेशा सच्चाई की जीत के लिए केस लड़ा वह भी उन मजलूम और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए जिनके पास वकीलों के फीस देने के लिए पैसे नहीं होते और आज इसी लिए विजय को लोग हकीकत की दुनिया का सनी देओल कहते है । विजय वैसे क्रिमिनल लॉयर है और ज्यादा तर इन्होंने बलात्कार,और दहेज पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए केस लड़ा और उन्हें जीत भी दिलाई इसी तरह के एक केस के सिलसिले में विजय शिलांग आए है जो आज से 15 साल पहले घटी थी और आर्थिक तंगी के चलते उस परिवार को इंसाफ नहीं मिला और उस परिवार ने अपनी बेटी खो दी विजय ने एक बार फिर उस केस को खोलने की जिम्मेदारी ली है हालांकि विजय के अनुरोध पर हम उस केस का ब्यौरा नहीं दे सकते परन्तु उस परिवार को अब यह 100% प्रतिशत यकीन है कि अब उन्हें इंसाफ मिलेगा । क्योंकि विजय इस तरह के जितने भी केस लिए है उसे अंजाम तक पहुंचा कर ही छोड़ा है चाहे केस कितना भी पुराना क्यों न हो ।
हमने पूछा कि आप का तो वकालत पेशा है फिर आप फीस क्यों नहीं लेते तो विजय ने कहा वकालत मेरा पेशा नहीं बल्कि शौख है सताए हुई बहनों को इंसाफ दिलाने की क्योंकि आज से 32 साल पहले मेरी बहन को भी दरिंदो ने मार डाला था और उस समय मेरा परिवार मेरी बहन को इंसाफ नहीं दिला सका फिर मैने कसम खाई कि जहां तक हो सके मैं अपनी बहन की तरह किसी और बहन के साथ ना इंसाफी नहीं होने दूंगा । रही बात कमाई की तो आज भगवान का दिया सबकुछ है मेरे पास ।
बता दे कि विजय एक मॉडल के साथ बिज़नस मेन भी है और वकालत इन्होंने बस अपने जुनून के लिए की है । विजय के इसी अंदाज पर फिदा होकर स्वर्गीय रतन टाटा ,ने उन्हें अपने कंपनी में लीगल एडवाइजर रखा था वहीं सिंधिया परिवार ने भी विजय को एडवाइजर रखा है । हमने पूछा कि शिलांग के इस केस के बारे में आप को कैसे पता चला तो विजय ने बताया कि उन्होंने एक पुराने अखबार में इस केस से जुड़ी कुछ जानकारी मिली थी फिर उन्होंने इस केस के बारे में पता लगाना शुरू किया तो इसकी जड़े बिहार और शिलांग में मिला जिसके बाद मैने पीड़ित परिवार से मुलाकात की जिन्होंने इंसाफ की उम्मीद छोड़ दी थी जिसे मैं फिर खोलने जा रहा हूं ।
वैसे विजय वकील के अलावा हेंडसम मॉडल भी है और इनकी शख्सियत देख कर लड़कियां आहे भरती है । परन्तु विजय अपने जुनून उसूलों के पक्के है । हालांकि आज ज्यादातर वकील ऐसे मिलेंगे जिनके पास चाहे गरीब या अमीर कोई भी जाए तो वह पहले ही कहेंगे कि देखिए मेरी फीस थोड़ी ज्यादा है उन्हें इससे मतलब नहीं होता कि सामने वाला आर्थिक रूप से कमजोर है या अमीर या वो किस मजबूरी में उनके पास उम्मीद लेकर आया है उन्हें मतलब अपने फीस से होती है और वह केस को इतना खींचेंगे की आर्थिक रूप से कमजोर इंसान इंसाफ की उम्मीद ही छोड़ देगा ।
हमने विजय से पूछा कि आप आज के आने वाले वकीलों को क्या संदेश देना चाहेंगे तो विजय का कहना था कि देखिए वकालत वकीलों की जीविका है पर मैं सिर्फ इतना कहना चाहूंगा कि पैसों की लालच में इतना अंधे मत बन जाओ कि तुम्हे किसी की मजबूरी ही नहीं दिखाई दे एक बात याद रखना जरूरी है कि आज तुम जरूर वकील हो लेकिन एक दिन तुम्हे भी वक्त की अदालत के कटघड़े में खड़ा होना पड़ेगा जब तुम्हारी उम्र हो जाएगी उस दिन जज भी तुम खुद होगे वकील भी और अपराधी भी और तुम्हे खुद को यह जवाब देना पड़ेगा कि आखिर तुमने अपने जीवन में ऐसा क्या काम किया जिसे तुम्हे सजा नहीं दिया जाए और यह वक्त हर इंसान की जिंदगी में आता है चाहे वो आम इंसान हो या खास उदाहरण के तौर पर रतन टाटा जी को देख लो इसी देश में कई दिग्गजग बिजनेस टाइकून की मौत हुई मगर उनके जानने वाले या रिश्तेदार ही रोए होगे मगर रतन टाटा के लिए सारा देश रोया चाहे वो आम इंसान हो या खास और वो भी जो कभी रतन टाटा को कभी हकीकत में देखे भी नहीं थे ।
सच है अगर आज देश में विजय जैसे और वकील हो जाए तो शायद देश में कोई भी बेटी इंसाफ के लिए राह नहीं देखेगी l