आने वाले कुछ महीने शायद मेघालय के लोगो के लिए शायद मुस्किलो भरा हो सकता है
अगर राज्य सरकार ने जल्द ही कोई भी समाधान नहीं निकाला तो |
शिलांग 13 जुलाई : आने वाले कुछ महीने शायद मेघालय के लोगो के लिए शायद मुस्किलो भरा हो सकता है अगर राज्य सरकार ने जल्द ही कोई भी समाधान नहीं निकाला तो | क्योकि दबाब समूहों द्वारा जिस तरह इनर लाइन परमिट (आईएलपी) और वर्क परमिट के नाम पर प्रवासी मजदूरों और और पर्यटकों को वापस जाना पड़ रहा है इससे खास तौर पर पर्यटन विभाग को बहुत नुकसान उठाना पड़ सकता है | क्योकि कई टूर और ट्रैवल एजेंसियो ने खासी हिल्स के मौजूदा हालात को देखते हुए मेघालय भ्रमण करने वाले पर्यटकों की या तो बुकिंग कैंसल कर दी या उन्हें किसी अन्य राज्य के पर्यटन स्थल का भर्मण करने के सुझाव देकर वहा की बुकिंग शुरू कर दी है |
क्योकि केएसयू द्वारा इनर लाइन परमिट (आईएलपी) चेकपॉइंट स्थापित किये जाने के कारण कई पर्यटकों को वापस जाना पड़ा उन्होंने गुवाहाटी में मीडिया से बात करते हुए बताया की हमें बहुत दुःख हुआ की हमारे देश के एक राज्य में पर्यटकों के साथ ऐसा वेवहार होगा की उन्हें वापस जाना पड़ेगा .कई पर्यटकों ने कहा हम विदेश घूम कर आए लेकिन दूसरे देशो में भी पर्यटकों को ऐसा वेवहार नहीं झेलना पड़ा जो की अपने देश के इस राज्य में भर्मण करने के लिए हमें झेलना पड़ा इससे हमारे दिल को बहुत चोट पंहुचा शायद अब हम मेघालय भर्मण करने का ख्याल भी अपने दिल में ना लाए हमें यहाँ आकर बहुत शर्मिंदगी मह्सुश हुई यह शायद मेघालय जाने की बहुत दुर्भाग्यपूर्ण पहला और आखरी फैसला था |
वही कई ट्रांसपोर्टर कम्पनिया भी मेघालय के लिए बुकिंग लेने में कतरा रही है उनका कहना है की हम कोई जोखिम नहीं लेना चाहते हमें अपने ट्रक और चालकों की बहुत चिंता है | दूसरे तरफ गृह मंत्रालय की सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिस तरह की खबरे मेघालय से आरही है उसे देखते हुए हमें उन राज्यों के हॉस्टलों में सुरक्षा बढ़ानी पड़ेगी जिसमे मेघालय के छात्र और इन राज्यों में काम करने वाले मेघालय के लोग रहते है क्योकि जिन मजदूरों और तकनीशियनो को मेघालय में प्रतारणा झेलनी पड़ी है वह बहुत आक्रोशित है। कुछ मजदूरों ने खुली धमकी भी दे डाली है | उन्होंने कहा की दबाब समूह के कार्यकर्ता दूसरे राज्यों में नहीं जाते परन्तु मेघालय के छात्र और मेघालय के वह लोग जो दूसरे राज्यों में काम करते है या नौकरी करते है उन्हें दबाब समूहों के कारगुजारियों के लिए उन्हें भुक्तान ना करना पड़े यही सबसे बड़ी चिंता का विषय है
मालूम हो की शुक्रवार को पश्चिमी खासी हिल्स में अथियाबारी रोड पर एक और इनर लाइन परमिट (आईएलपी) चेकपॉइंट स्थापित किया है। केएसयू द्वारा एक सप्ताह के भीतर स्थापित किया गया यह दूसरा चेकपॉइंट है, इससे पहले री भोई जिले के पहामावलीन में पहला चेकपॉइंट बनाया गया था।
केएसयू कार्यकर्ताओं द्वारा चेकिंग किए जाने के कारण कई वाहन फंसे रहे। कई लोगों को 50 रुपये का शुल्क देकर मेघालय प्रवासी श्रमिक पहचान, पंजीकरण (सुरक्षा और संरक्षा) अधिनियम, 2020 के तहत पंजीकरण करने का निर्देश भी दिया गया। संघ ने पर्यटकों और अपने निजी वाहनों से राज्य में प्रवेश करने वाले लोगों से यह भी मांग की कि वे अपने मूल स्थान से जिलेवार पुलिस सत्यापन करवाएं, जो प्रमाणित करता है कि व्यक्ति ने अभी तक कोई अपराध नहीं किया है। यहां तक कि जब उन्होंने वाहन के सभी दस्तावेज, ड्राइविंग लाइसेंस सहित व्यक्तिगत पहचान दस्तावेज प्रस्तुत किए, तो उन्हें वापस जाने के लिए कहा गया क्योंकि उनके पास पुलिस सत्यापन प्रमाणपत्र नहीं था।
और इसके आलावा मेघालय में विकास परियोजनाएं जल्द ही ठप हो सकती हैं, क्योंकि प्रवासी श्रमिक मेघालय में अपना प्रवास जारी रखने से इनकार कर रहे हैं, क्योंकि दस्तावेजों और कार्य परमिट की जाँच के बहाने दबाव समूहों के सदस्यों द्वारा हमला किए जाने की कई रिपोर्टें सामने आई हैं। हमले की ताज़ा घटना में, शिलांग-उमियाम सड़क रखरखाव परियोजना पर काम करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) द्वारा नियोजित छह मजदूरों पर दबाव समूह के सदस्यों द्वारा कथित रूप से हमला किया गया।
रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना 6 जुलाई को मावियोंग में भारत पेट्रोलियम ईंधन पंप के पास हुई, जब NHIDCL के रखरखाव ठेकेदार द्वारा नियोजित मजदूरों पर बिना किसी उकसावे के मास्क और हेलमेट पहने कुछ लोगों ने हमला किया।NHIDCL के एक अधिकारी ने बताया कि मजदूरों पर उनके औजारों से हमला किया गया। एक मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल मजदूरों की कुछ तस्वीरें साझा करते हुए, NHIDCL अधिकारी ने कहा कि पीड़ितों को आगे के इलाज के लिए गुवाहाटी के एक अस्पताल में ले जाया गया। मजदूरों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे राज्य में वापस नहीं लौटेंगे।
क्योकि कुल मिला कर देखा जाए तो मेघालय खास तौर पर खासी ,जयंतीआ हिल्स के लिए आने वाला समय मुश्किलों भरा हो सकता है अगर राज्य सरकार ने जल्द कोई समाधन नहीं निकाला तो। क्योकि मेघालय में निवेश के इच्छुक निवेशक भी अब अपना फैशला बदलने लगे है |