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मेघालय सीमा के पास बांग्लादेश में कट्टरपंथी गतिविधियाँ बढ़ीं; BSF सतर्क, 2026 तक बॉर्डर फेंसिंग पूरी होने की उम्मीद

शिलांग, 2 दिसम्बर:BSF मेघालय ने कहा है कि पिछले डेढ़ साल में बांग्लादेश में, खासकर मेघालय से सटे इलाकों में, कट्टरपंथी गतिविधियाँ बढ़ी हैं। इसके साथ ही असम सीमा से लगे मेघालय के कुछ क्षेत्र अभी भी संवेदनशील बने हुए हैं। BSF मेघालय फ्रंटियर के IG ओ.पी. उपाध्याय ने आश्वस्त किया कि स्थिति पर कड़ी नज़र रखी जा रही है और बल पूरी तरह सतर्क है। उन्होंने कहा, “हम इस तरह की गतिविधियों के दुष्प्रभावों से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे। हम इंटेलिजेंस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ लगातार तालमेल बनाए हुए हैं। इस मुद्दे का शांतिपूर्ण और प्रभावी समाधान निकाला जाएगा।”

IG ने बताया कि दक्षिण और पश्चिम गारो हिल्स जैसे क्षेत्र, जो असम की सीमा से लगते हैं, विशेष रूप से संवेदनशील हैं। इसके अलावा पूर्वी असम के कुछ हिस्से भी इस श्रेणी में आते हैं। उन्होंने कहा, “जहाँ तक खासी हिल्स का सवाल है, वहाँ ऐसे इनपुट नहीं मिले हैं, क्योंकि भू-भाग की कठिनाई और लोगों में जागरूकता का स्तर यहाँ अधिक है।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बांग्लादेश में पिछले एक वर्ष से जारी अस्थिरता के बावजूद मेघालय सीमा के पास किसी भी भारतीय उग्रवादी संगठन (IIGs) की गतिविधि की जानकारी नहीं है।

दिल्ली बम ब्लास्ट की जांच पर बयान
दक्षिण गारो हिल्स में हाल ही में NIA की जांच को लेकर पूछे गए प्रश्न पर उपाध्याय ने कहा कि टीम ने सीमावर्ती इलाकों का दौरा किया था, लेकिन अभी यह पुष्टि नहीं हुई है कि जांच दिल्ली ब्लास्ट से जुड़ी है या किसी अन्य मामले से।

बांग्लादेशी गिरोह की गिरफ्तारी पर
मेघालय में पकड़े गए बांग्लादेशी गिरोह के बारे में उन्होंने बताया कि रोंगारा फ़ॉरेस्ट लंबे समय से बांग्लादेशी अपराधियों के छुपने का ठिकाना रहा है। लेकिन हाल के वर्षों में कई ख़तरनाक अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद यह इलाका काफी शांत और नियंत्रित है।

2026 के अंत तक मेघालय सीमा पर फेंसिंग पूरी होने की उम्मीद

लगभग दो दशकों से रुकी पड़ी भारत-बांग्लादेश सीमा फेंसिंग का काम अब कई इलाकों में फिर शुरू हो चुका है। BSF को उम्मीद है कि मेघालय की 443 किमी लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा 2026 के अंत तक पूरी तरह फेंस हो जाएगी।

IG उपाध्याय ने बताया कि पिछले वर्ष लगभग 20 किमी फेंसिंग का निर्माण और संचालन पूरा किया गया। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि अदालतों में चल रहे मामलों, BGB के आपत्तियों और स्थानीय निवासियों द्वारा उठाए गए मुद्दों के कारण कई बाधाएँ सामने आईं। उन्होंने यह भी बताया कि 21 किमी फेंसिंग के लिए भूमि अधिग्रहण पूरा हो चुका है, और जल्द ही इसका काम शुरू होगा।

“2026 के अंत तक हम सीमा के सभी गैप भर देंगे,” उन्होंने कहा।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ज़ीरो-लाइन फेंसिंग अंतरराष्ट्रीय समझौतों और भौगोलिक कारणों की वजह से संभव नहीं है।

IG ने बताया कि उन्नत निगरानी उपकरण भी लगाए जा रहे हैं ताकि सीमा की सुरक्षा को और मजबूत किया जा सके। उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ स्थानों पर पुरानी फेंसिंग क्षतिग्रस्त हुई है, लेकिन इन्हें नई डिज़ाइन और बेहतर तकनीक से मरम्मत किया जा रहा है।

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मुकुल संगमा के नए राजनीतिक विकल्पों की तलाश पर कांग्रेस का तंज — “कहा था, कभी वापस नहीं आएंगे

शिलांग, 2 दिसम्बर: जैसे-जैसे पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा अपने अगले राजनीतिक कदम को तय करने के लिए कई पार्टियों के संपर्क में बताए जा रहे हैं, कांग्रेस ने उन्हें याद दिलाया है कि उन्होंने 2023 विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी छोड़ते समय खुद कहा था कि वह “कभी वापस नहीं आएंगे।”

यह पूछे जाने पर कि यदि मुकुल संगमा दोबारा आते हैं तो पार्टी उनके और सालेंग संगमा के बीच नेतृत्व संतुलन कैसे बनाएगी, मेघालय कांग्रेस अध्यक्ष विन्सेंट पाला ने कहा कि राजनीति गतिशील होती है, जहाँ “न कोई स्थायी दोस्त होता है, न दुश्मन।”
उन्होंने कहा, “जो भी आना चाहे, उसका स्वागत है। कांग्रेस किसी की निजी संपत्ति नहीं है।” पाला ने जोड़ा कि मुकुल संगमा अपनी स्थिति जानते हैं और पहले भी कह चुके हैं कि वह लौटने का विचार नहीं रखते।

पाला ने दावा किया कि जनता का समर्थन धीरे-धीरे फिर से कांग्रेस की ओर लौट रहा है। उन्होंने कहा कि कई पूर्व मंत्री, जिन्हें पहले कैबिनेट से हटाया गया था, भी पार्टी में वापसी को तैयार हैं—बशर्ते कांग्रेस मजबूत उम्मीदवार उतारे और जमीनी स्तर पर गंभीरता से काम करे।
उन्होंने नेतृत्व विवाद की खबरों को खारिज करते हुए कहा, “नेतृत्व पर सवाल सिर्फ मीडिया में हैं। पार्टी के भीतर किसी को कोई समस्या नहीं है। ऐसे आरोप आमतौर पर वही लोग लगाते हैं जो पार्टी छोड़कर गए और अपनी विफलताओं के लिए किसी को दोष देना चाहते थे

Deepak Verma

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