मेघालय

नया गोल्डन ट्राएंगल’: भारत के पूर्वोत्तर में बढ़ा मादक पदार्थों का खतरा

बांग्लादेश में अस्थिर हालात और म्यांमार की स्थिति ने भारत के पूर्वोत्तर को अब “नया गोल्डन ट्राएंगल” बना दिया है — जो नशीले पदार्थों की तस्करी और अन्य अवैध गतिविधियों का केंद्र बनता जा रहा है।

दिल्ली स्थित राइट्स एंड रिस्क्स एनालिसिस ग्रुप (RRAG) की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश-भारत-म्यांमार मार्ग अब नए ड्रग ट्राएंगल के रूप में उभर रहा है।

RRAG निदेशक सुहास चकमा ने चेतावनी दी कि बांग्लादेश के PCJSS समूह की मादक पदार्थों की तस्करी में संलिप्तता भारत के लिए गंभीर खतरा है। उन्होंने विशेष रूप से मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा को आगाह किया कि यदि इस मुद्दे को नजरअंदाज किया गया तो इसके घातक परिणाम होंगे।

रिपोर्ट में बताया गया कि मिजोरम अब म्यांमार से आने वाले ड्रग्स का प्रमुख प्रवेश द्वार बन गया है। जनवरी से सितंबर 2025 के बीच चम्फाई जिला में 87 मामले दर्ज किए गए और 112 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

मेघालय में भी स्थिति चिंताजनक है — रिपोर्ट में पाया गया कि राज्य में मादक पदार्थों की लत की औसत उम्र 19 वर्ष है, और कुछ मामलों में बच्चे 10 साल की उम्र से ही ड्रग्स लेना शुरू कर देते हैं।

सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए कानूनी सख्ती और पुनर्वास दोनों स्तरों पर काम शुरू किया है।

Deepak Verma

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