मेघालय कैबिनेट ने देशी शराब को नियमित करने के लिए नियमों में संशोधन को दी मंजूरी

शिलॉन्ग, 7 अगस्त: मेघालय कैबिनेट ने मेघालय आबकारी नियमों (Excise Rules) में संशोधन को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत देशी शराब को नियमित करने की रूपरेखा तय की गई है। इसके साथ ही बॉन्डेड वेयरहाउस की श्रेणियों को तीन से घटाकर दो कर दिया गया है।
कैबिनेट बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री कॉनराड के. संगमा ने कहा कि संशोधित नियम अब किण्वित (fermented) देशी शराब के उत्पादन को नियमित करने की अनुमति देंगे, जिससे स्थानीय उद्यमियों को पारंपरिक पेयों को बढ़ावा देने का अवसर मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, “पहले इस तरह की शराब को नियंत्रित करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी। अब हमने इसके लिए एक ढांचा तैयार किया है जिससे किण्वित देशी शराब का नियमन संभव हो सकेगा।”
उन्होंने यह भी कहा, “धीरे-धीरे हम आसवित (distilled) शराब के लिए भी प्रक्रिया शुरू करेंगे, क्योंकि वह पारंपरिक स्तर पर बनाई जाती है और उसके लिए व्यापक विचार-विमर्श की आवश्यकता है। परंतु किण्वित शराब का उत्पादन छोटे और बड़े स्तर पर पहले से हो रहा है और अब कई उद्यमी इसे पर्यटन की दृष्टि से व्यावसायिक रूप में विकसित करना चाहते हैं। इसी उद्देश्य से यह संशोधन किया गया है, जिससे अब स्थानीय उद्यमी और इच्छुक व्यक्ति इसे एक निर्धारित ढांचे के तहत कानूनी रूप से तैयार कर सकेंगे।”
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने बताया कि अब बॉन्डेड वेयरहाउस की श्रेणियां घटाकर दो कर दी गई हैं –
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जिनका वार्षिक टर्नओवर ₹20 करोड़ या उससे अधिक है
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जिनका टर्नओवर ₹20 करोड़ से कम है
इस बदलाव से कारोबारियों की प्रक्रियाएं सरल होंगी।
साथ ही, होममेड वाइन नीति का भी विस्तार किया गया है। अब राइज़ोम (जड़ कंद), अदरक, कंद-मूल, फूलों के स्रोत और शहद जैसे तत्वों को भी घरेलू वाइन निर्माण के लिए स्वीकृत सामग्री के रूप में शामिल किया गया है।
संगमा ने कहा, “इन सभी सामग्रियों से बनने वाली वाइन को अब होममेड वाइन नीति के तहत शामिल किया जाएगा।



