Journal of Defence

भारत तैयार कर रहा ‘साइबर कमांडो’ की फौज, पहले बैच की ट्रेनिंग पूरी, अब नहीं लगा पाएगा कोई डिजिटल डेटा में सेंध

Indian cyber commandos

देश के डिजिटल डेटा को हैकर्स से बचाना उतना ही महत्वपूर्ण हो गया है जितना कि देश की सीमाओं की सुरक्षा. भारत की सीमाओं की सुरक्षा के लिए तो सुरक्षा बलों के जवान 24 घंटे तैनात रहते हैं. अब साइबर सिक्यूरिटी के लिए भी भारत स्पेशल साइबर कमांडो’ की फौज तैयार कर रहा है. भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) द्वारा गठित साइबर कमांडो के पहले बैच ने कोट्टायम स्थित भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) में छह महीने का प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा कर लिया है

 

देश के विभिन्न राज्य पुलिस बलों से चुने गए तीस कमांडो ने देश के डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा के लिए IIIT कोट्टायम में खास ट्रेनिंग ली. अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा के माध्यम से चुने गए जवानों को साइबर रक्षा रणनीतियों, हैकिंग, डिजिटल फोरेंसिक और डीप डेटा परीक्षण में महारत हासिल करने वाली ट्रेनिंग दी गई है.

भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान से ट्रेनिंग लेने के बाद ये साइबर कमांडो अब राष्ट्रीय और वैश्विक दोनों स्तरों पर साइबर खतरों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.

संस्थान ने प्रशिक्षुओं को प्रमाणित एथिकल हैकिंग (CEH), कंप्यूटर हैकिंग फोरेंसिक इन्वेस्टिगेटर (CHFI), सर्टिफाइड पेनिट्रेशन टेस्टिंग प्रोफेशनल CPENT), और CompTIA  ecurity+ जैसे साइबर सुरक्षा डोमेन में विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्र प्रदान किए हैं. इस ट्रेनिंग में कमांडोज को कई चरणों से गुजरना पड़ा.

ट्रेनिंग लेने वाले जवानों ने केरल पुलिस साइबर डोम और ड्रोन लैब सहित विभिन्न संगठनों के औद्योगिक दौरों में भी भाग लिया. भारत सरकार और गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार देश के साइबर सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत साइबर कमांडो प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है जो साइबर योद्धाओं की अगली पीढ़ी तैयार करेगा.

Deepak Verma

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