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बांग्लादेशियों की अवैध घुसपैठ और फर्जी पहचान का नेटवर्क ध्वस्त, मुंबई से तीन गिरफ्तार

 

 

मेघालय और महाराष्ट्र पुलिस के संयुक्त एक सप्ताह लंबे अभियान के बाद, भारत में बांग्लादेशियों की अवैध घुसपैठ और फर्जी पहचान पत्र बनवाने वाले एक आपराधिक नेटवर्क का पर्दाफाश किया गया है। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि इस सिलसिले में तीन बांग्लादेशी नागरिकों को मुंबई से गिरफ्तार किया गया है।

जांच की शुरुआत 14 फरवरी को हुई जब मेघालय पुलिस को खुफिया सूचना मिली कि कुछ संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिक गुवाहाटी से शिलांग की ओर यात्रा कर रहे हैं। रि-भोई जिले के नोंगपोह चेकपोस्ट पर पांच लोगों को, जिनमें एक बच्चा भी शामिल था, हिरासत में लिया गया। पूछताछ में उन्होंने कबूला कि वे दो महीने पहले एक तस्करी नेटवर्क के ज़रिए भारत में अवैध रूप से घुसे थे, काम की तलाश में मुंबई पहुंचे थे और अब बांग्लादेश वापस लौट रहे थे।

पूछताछ में उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने भारत के फर्जी दस्तावेज़ मुंबई के सेवरी इलाके में रहने वाले शेख मोहम्मद मजीब की मदद से हासिल किए थे।

इसके बाद पुलिस ने मजीब के साथ दो अन्य आरोपियों – नुसरत ए काज़ी (कोपरखैरने से गिरफ्तार) और जबीर युनुस शेख (उलवे से गिरफ्तार) को भी धर दबोचा। मजीब को दक्षिण मुंबई के रफी अहमद किदवई मार्ग से गिरफ्तार किया गया।

पुलिस के अनुसार, आरोपी फर्जी पते के आधार पर दस्तावेज़ बनवाते थे और दलालों की मदद से बांग्लादेशी नागरिकों को भारत के सीमावर्ती इलाकों से महानगरों जैसे मुंबई और अहमदाबाद पहुंचाते थे। वे फर्जी पहचान पत्रों के आधार पर बैंक खाते भी खुलवाते थे, जिनका इस्तेमाल लोन फ्रॉड और साइबर क्राइम में किया जाता था।

अधिकारियों का मानना है कि इस गिरोह ने हाल के महीनों में कम से कम 24 बांग्लादेशी नागरिकों, जिनमें 12 महिलाएं और 3 बच्चे शामिल हैं, की अवैध घुसपैठ कराई है।

रि-भोई जिला के पुलिस अधीक्षक विवेकानंद सिंह राठौर ने कहा, “यह अवैध प्रवास, दस्तावेज़ों की जालसाजी और वित्तीय धोखाधड़ी का एक संगठित नेटवर्क है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। बांग्लादेश के साथ भारत की खुली और कठिनाई से निगरानी की जा सकने वाली सीमा, खासकर मेघालय जैसे राज्यों में, और बांग्लादेश में बढ़ती अस्थिरता के चलते इस तरह की गतिविधियाँ बढ़ रही हैं। ऐसे मामलों को रोकने के लिए खुफिया एजेंसियों और कानून प्रवर्तन बलों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।”

पुलिस ने आरोपियों के पास से फर्जी दस्तावेज़, डिजिटल सबूत और पहचान पत्र बनाने के उपकरण बरामद किए हैं। तीनों आरोपियों को आगे की जांच के लिए ट्रांजिट रिमांड पर मेघालय लाया गया है।

 

Deepak Verma

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