डोरबार सानोंग ने फैशला किया है की हिन्दुओ को अब इस गुफा में कोई धार्मिक क्रियाकलाप या पूजा पाठ नहीं करने देंगे
कुछ लोगो ने कहा की क्या जरुरत है हमें दो कौड़ी के लोगो की खुसामद करने की भगवान् हर जगह है हम महादेव खोला मंदिर में जलाभिषेक कर लेंगे नहीं तो गुहाटी में कई मंदिर है वह कर लेंगे परन्तु हमारा स्वाभिमान हमें इनकी खुसामद करके अपने भगवान को अपमानित करना नहीं है
हर वर्ष सावन के महीने में देश के सभी राज्यों के साथ मेघालय में भी कावड़ यात्रा निकाली जाती है जो 101 एरिया में स्थित महादेव खोला धाम से होकर मौसिनराम के मौजीबुईन गुफा में स्थित प्रकृतिक शिव लिंग पर जा कर जलाभिषेक करती है .परन्तु पिछले कुछ सालो से मेघालय के विशेष धार्मिक
कट्टरपंथियों के आँखों में यह खटक रहा था और वह तरह तरह के बहाने बना कर इस कावड़ यात्रा को रोकने का प्रयाश करते रहे है परन्तु जैसे तैसे भी कावड़ यात्रा पूरी हो जाती थी परन्तु इस बार मौसिनराम के तथाकथित पंचायत यानि कट्टरपंथियों के भाषा डोरबार सानोंग कहा जाता है उन्होंने अब एक फैशला किया है की हिन्दुओ को अब इस गुफा में कोई धार्मिक क्रियाकलाप या पूजा पाठ नहीं करने देंगे क्योकि इससे वह गन्दगी फैलती है . दरसल गन्दगी एक बहाना है उन्हें बस हिन्दुओ को पूजा पाठ करने से उनके आकाओ को अखरता है
वही यहाँ कावड़ समिति ने कावड़ यात्रा की पूरी तैयारी कर ली थी उन्होंने कावड़ यात्रा के लिए जिला प्रसाशन से अनुमति भी लेली है और मजेदार बात यह है की यह अनुमति पत्र यहाँ के प्रसाशन ने उन्हें कावड़ यात्रा या धार्मिक यात्रा बोल कर नहीं दिया है बल्कि इस यात्रा को पर्यटन यात्रा सम्बोधित कर के दिया है क्योकि प्रशासन को डर है की इसे धार्मिकयात्रा सम्बोधित करके दिया तो यहाँ के कट्टरपंथियों को ठेस पहुंचेगा .इसलिए उन्होंने इसे पर्यटन यात्रा बताया .इस सिलसिले में हमने कुछ कावड़ यात्रियों से बात की जो हर साल कावड़ यात्रा करके भगवन शिव का जलाभिषेक करने उस गुफा में जाते है उन्होंने बताया की यहाँ की कट्टरपंथियों के फैसले से उन्हें बहुत ठेश पंहुचा है इसलिए नहीं की उन्होंने उस गुफा में भगवन का जलाभिषेक करने से रोक दिया बल्कि इस वजह से की उन्होंने हिन्दुओ को गन्दगी फ़ैलाने का जिम्मेदार बताया जिसके वजह से हमने फैसला किया है की अब हम उस गुफा में जलभिषेक के लिए नहीं जाएंगे क्योकि हमारा आत्मा सम्मान और हमारे धर्म और हमारे भगवान का अपमान हम बर्दास्त नहीं कर सकते क्योकि यह बार बार इसी तरह का आरोप लगाते है हम भगवान का जलाभिषेक कही और कर लेंगे .
कुछ लोगो ने कहा की क्या जरुरत है हमें दो कौड़ी के लोगो की खुसामद करने की भगवान् हर जगह है हम महादेव खोला मंदिर में जलाभिषेक कर लेंगे नहीं तो गुहाटी में कई मंदिर है वह कर लेंगे परन्तु हमारा स्वाभिमान हमें इनकी खुसामद करके अपने भगवान को अपमानित करना नहीं है .और रही बात पर्यटन की तो यहाँ पर्यटक तो वैसे ही आने बंद हो चुके है क्या जरूरत है हमें पर्यटक बन कर जाने की जब इन्हे पर्यटकों और दूसरे मेहमानों के साथ कैसा वेवहार करना चाहिए इसी का ज्ञान नहीं तो ऐसे गंदे लोगो की खुसामद करने की क्या जरूरत है .
कुछ कावड़ यात्री जो मौसिनराम जाने वाले थे उन्होंने अब असम के भीमाशंकर ज्योर्तिलिंग जाने का फैसला कर लिया