श्रीमद्भागवत कथा में हुई गोवर्धन पूजा, श्रद्धालुओं ने लिया भक्तिरस का आनंद ।
श्रीमद भागवत कथा के पांचवें दिन श्रीकृष्ण की 'बाल लीला, पूतना उद्धार, माखन चोरी भगवान श्रीकृष्ण एवं बलराम जी का नामकरण संस्कार हुआ।साथ छप्पन भोग भगवान को लगाया गया।
शिलौंग । चौखानी परिवार के द्वारा आयोजित एम जे टावर में श्रीमद भागवत कथा के पांचवें दिन व्यासपीठ पर विराजमान पंडित श्री अमर बिहारी पाठक ने अपने वाचन में कहा कीभगवान श्रीकृष्ण की ‘बाल लीला, पूतना उद्धार, माखन चोरी भगवान श्रीकृष्ण एवं बलराम जी का नामकरण संस्कार हुआ।साथ छप्पन भोग भगवान को लगाया गया।गोवर्धन पूजा की गई।पाठक महाराज ने नाम की महिमा के बारे में बताया।आज की इस कथा में भगवान श्रीकृष्ण एवं बलराम जी का नामकरण संस्कार हुआ।पं. पाठक ने नाम की महिमा का बखान किया।
पाठक जी ने कहा कि भक्ति करने के लिए साधक को घर-गृहस्थी छोड़कर जाने की जरूरत नहीं है, बस अपना मन मोड़ने की जरूरत है।ताला हम सभी के घरों में होता है, उसे एकतरफ घुमाने से ताला लग जाता है और दूसरी तरफ घुमाने से ताला खुल जाता है।
ठीक इसी प्रकार ताले की भूमिका हमारे घर की गृहिणियां भी निभाती हैं।वे सास-ससुर, पति, देवर, नन्द, जेठ-जेठानी आदि की रुचि-पसंद का ध्यान रखती हैं।शास्त्री जी ने श्रद्धालुओं को भगवान की परिक्रमा करने का विधान भी बताया।उन्होंने कहा कि हमारे शास्त्रों में बताया गया है | कि किस भगवान की कितनी परिक्रमा करनी चाहिए,जैसे शिवजी की आधी, देवीजी की एक, गणेशजी की तीन और हनुमानजी की चार परिक्रमा फलदायक मानी गई हैं। इस अवसर पर कथा स्थल को सुनहरे रुप में सजाया गया, वहीं चोखानी परिवार के बच्चों ने मनमोहक झांकियों का किरदार निभाया।
चौखानी परिवार ने बताया की कथा वाचक देव तुल्य होते हैं और जो ग्यान की गंगा बहाते हैं उससे कुछ न कुछ प्राप्त जरुर होता है इस अवसर पर सात दिवसीय कथा के दौरान महिलाओं की टीम ने काफी सराहनीय व्यवस्था की श्रीमती चंद्र कला चोखानी, ललिता चोखानी,सरलता चोखानी ,सारदा चोखानी, सहित परिवार की सभी महिलाओं ने कथा को मनमोहनी के रुप में सराकार कर दिया
कथा के पांचवें दिन मे आए हुए सभी समाज बंधुओं एवं सभी उपस्थित जनों को धन्यवाद दिया एवं सात दिवसीय कथा का रसपान करने की अपील भी की।रुपेश चोखानी ने सभी का स्वागत अभिनन्दन किया।