लैतुमखरा मार्केट परियोजना में घोटाले की गूंज, सीबीआई जांच की मांग

शिलांग, 20 अप्रैल:
आरटीआई कार्यकर्ता नेपोलियन एस मावफनियांग ने राज्यपाल सीएच विजयशंकर और मुख्यमंत्री कोनराड संगमा को पत्र लिखकर लैतुमखरा म्यूनिसिपल मार्केट के पुनर्विकास परियोजना में कथित वित्तीय घोटालों की सीबीआई जांच की मांग की है।
उन्होंने मुख्य सचिव और मुख्य सतर्कता आयुक्त डोनाल्ड पी वाहलांग को शिकायत देते हुए कहा कि इस परियोजना में वित्तीय अनियमितता, प्रक्रियागत उल्लंघन, हितों का टकराव और पर्यावरणीय मानकों की अनदेखी जैसे गंभीर आरोप हैं।
मावफनियांग ने कहा कि आरटीआई से प्राप्त दस्तावेज़ों से यह स्पष्ट होता है कि परियोजना की लागत 36.8% तक बढ़ाई गई और इसे पूरा करने में चार साल से अधिक की देरी हुई। उन्होंने सभी वित्तीय लेनदेन की फोरेंसिक ऑडिट के साथ सीबीआई जांच की मांग की है।
उन्होंने आरोप लगाया कि परियोजना का मुख्य ठेका मसरस् कोलिनस्टार सॉकमी को दिया गया, जो राज्य के खेल और युवा मामलों के मंत्री शकलियार वारजरी के पिता हैं, जो हितों के टकराव और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का उल्लंघन है।
परियोजना की लागत में भारी बढ़ोतरी:
अप्रैल 2020 में यह परियोजना 25.73 करोड़ रुपये में स्वीकृत हुई थी, लेकिन बार-बार के संशोधनों के चलते इसकी लागत 35.21 करोड़ तक पहुँच गई – जो कि CVC के दिशा-निर्देशों के अनुसार नई निविदा की मांग करती है।
पर्यावरणीय लापरवाही भी उजागर:
मावफनियांग का कहना है कि परियोजना को बिना पर्यावरणीय प्रभाव आकलन (EIA) और कचरा प्रबंधन योजना के ही आगे बढ़ाया गया, जिससे जन स्वास्थ्य और सुरक्षा को खतरा है।
राजनीतिक संरक्षण और सिस्टम की विफलता:
उन्होंने कहा कि पहले भी मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और राज्यपाल को कई शिकायतें दी जा चुकी हैं लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। यह निष्क्रियता भ्रष्टाचारियों को खुली छूट देने जैसा है।
“यह जनहित की लड़ाई है। जब तक दोषियों को उनके राजनीतिक कद से ऊपर उठकर जवाबदेह नहीं बनाया जाता, तब तक मेघालय में जवाबदेही सिर्फ एक भ्रम बनी रहेगी,” मावफनियांग ने कहा।